ट्रंप की क्रिप्टो डील का खुलासा: परिवार के लिए पाकिस्तान को बचाने में जुटे

वॉशिंगटन । पाकिस्तान ने हाल ही में एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी, वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (डब्ल्यूएलएफ) के साथ महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस कंपनी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परिवार की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस डील ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर कई सवाल खड़े किए हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या ट्रंप ने अपने परिवार के फायदो को ध्यान में रखते हुए भारत-पाकिस्तान के बीच कथित मध्यस्थता कराई?

डब्ल्यूएलएफ में ट्रंप के बेटे एरिक और डोनाल्ड ट्रंप जूनियर, साथ ही उनके दामाद जैरेड कुश्नर भी हिस्सेदार हैं। ये सभी हाल के वर्षों में दुनिया भर में फायदे के सौदे तलाशते रहे हैं और व्हाइट हाउस के रसूख का इस्तेमाल करने के आरोपों का सामना कर चुके हैं। विटकॉफ खुद न्यूयॉर्क के बड़े रियल एस्टेट अरबपति माने जाते हैं। वह ट्रंप के मार-ए-लागो रिसॉर्ट के नियमित सदस्य हैं। उनके चर्चित कार्यों में इजरायल, यूएई और बहरीन के बीच अब्राहम समझौता कराना भी शामिल है, जो ट्रंप के पहले कार्यकाल की बड़ी कूटनीतिक उपलब्धियों में गिना गया।अब ट्रंप ने उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध सुलझाने की जिम्मेदारी दी है। और ठीक इसी समय ट्रंप भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर भी अपनी हैंड्स-ऑफ नीति से हटकर खुद को मध्यस्थ के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान के साथ ट्रंप परिवार की क्रिप्टो डील के बदले में ही यह डिप्लोमैटिक एक्टिविज्म दिख रहा है?

रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो काउंसिल मात्र एक महीने पुरानी थी, फिर भी डील के लिए डब्ल्यूएलएफ के प्रतिनिधिमंडल में बड़ी हस्तियां शामिल रहीं। इनमें ट्रंप के गोल्फ बडी स्टीव विटकॉफ के बेटे जैकरी विटकॉफ प्रमुख थे। जैकरी की इस्लामाबाद यात्रा के दौरान उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर ने विशेष सम्मान दिया। खास बात यह रही कि इस मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद पहलगाम में पर्यटकों पर हमले की एक दुखद घटना हुई- जहां उन्हें धर्म के आधार पर अलग कर उनकी हत्या कर दी गई। ऐसा माना जा रहा है कि इस हमले के लिए पाक सेना प्रमुख ने क्लियरेंस दिया था। बता दें कि यह डील पाकिस्तान की जल्दीबाजी में बनाई गई ‘पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल’और डब्ल्यूएलएफ के बीच साइन की गई थी। इस काउंसिल ने हाल ही में बाइनेंस के फाउंडर और दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज के सीईओ चांगपेंग झाओ को अपना सलाहकार नियुक्त किया है। काउंसिल का उद्देश्य पाकिस्तान को दक्षिण एशिया की क्रिप्टो राजधानी बनाना है।


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