स्कूल बसों के लिए जल्द लागू होंगे नियम जल्द, एक महीने में समिति सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट

Feb 25, 2025

मुंबई, । महाराष्ट्र सरकार द्वारा निजी स्कूल बसों के लिए नए नियम तैयार किए जाएंगे। ये नए नियम आगामी शैक्षणिक वर्ष से लागू किए जाएंगे। इसके लिए एक सदस्यीय समिति गठित की गई है और सरकार ने उन्हें एक महीने के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। दरअसल परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इस बैठक में निजी स्कूल बसों के लिए नए नियम बनाने पर चर्चा की गई। स्कूली छात्रों को ले जाने वाली हजारों स्कूल बसें निजी संगठनों द्वारा संचालित की जाती हैं। परिवहन विभाग को शिकायतें मिली हैं कि कई संस्थान संचालक अभिभावकों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। ये स्कूल बसें मुख्य रूप से कुल शैक्षणिक वर्ष के 10 महीनों के लिए छात्रों को ले जाती हैं, लेकिन पूरे वर्ष की फीस एक बार में लेती है। छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक बस में पैनिक बटन, फायर स्प्रिंकलर, जीपीएस सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए। इसके अलावा, जो संगठन या स्कूल बस चालक अभिभावकों से छात्र परिवहन शुल्क वसूलते हैं, उन्हें बसों में सीसीटीवी कैमरों पर एकीकृत नियंत्रण रखना होगा। ताकि बस में सवार छात्रों के साथ कोई दुर्घटना न घटे। मंत्री सरनाईक ने सुझाव दिया है कि पाटिल समिति को इन सभी सुझावों पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।

- स्कूल बसें महंगी हुईं, 18 फीसदी बढ़ेगी फीस

कुछ दिन पहले स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसों के किराये में वृद्धि की गई थी। इसके बाद रिक्शा और टैक्सी का किराया भी बढ़ा दिया गया। स्कूल बस एसोसिएशन ने बताया है कि अब स्कूल बस किराए में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। इसलिए एक अप्रैल से अभिभावकों की जेब पर असर पड़ेगा। स्कूल बस एसोसिएशन का कहना है कि बसों और स्पेयर पार्ट्स की कीमतों में वृद्धि होने से बसों के रखरखाव की लागत महंगी हो गई है। साथ ही अच्छी सेवा और सुरक्षा नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए ड्राइवरों, महिला सहायकों और प्रबंधकों को वेतन वृद्धि तथा  छात्रों की सुरक्षा के लिए कुछ उपाय करना भी आवश्यक है। इसके अलावा पार्किंग शुल्क दोगुना हो गया है। आरटीओ जुर्माने में वृद्धि से लागत और बढ़ गई है। इसलिए शुल्क बढ़ाने का निर्णय इन बढ़ती लागतों को पूरा करने के लिए लिया गया है।


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