विजय शाह मामले में सुनवाई थोड़ी देर में:सुप्रीम कोर्ट में SIT की रिपोर्ट पर बहस होगी; कर्नल सोफिया को कहा था आतंकियों की बहन

May 28, 2025

सुप्रीम कोर्ट अब से कुछ देर में कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी के बाद विवादों में घिरे मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के मामले में सुनवाई करेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया था। SIT अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंप चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट इस रिपोर्ट पर केस से जुड़े सभी पक्षों से चर्चा करेगा। SIT का गठन 19 मई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही हुआ था। इसमें IG सागर रेंज प्रमोद वर्मा, DIG SAF कल्याण चक्रवर्ती और SP डिंडौरी वाहिनी सिंह शामिल हैं।

चौंकाने वाली बत है कि SIT ने 6 दिन जांच की, लेकिन मंत्री विजय शाह से अभी तक कोई पूछताछ नहीं की गई।

सूत्रों का कहना है कि मंत्री का वीडियो में रिकॉर्ड बयान ही बड़ा सबूत है। उन्होंने माफी मांगने का तीसरा वीडियो जारी कर ये भी साबित कर दिया कि उनका बयान आपत्तिजनक था। SIT ने 11 मई को रायकुंडा गांव में हुए हलमा कार्यक्रम के मंच पर मौजूद लोगों के बयान भी अपनी रिपोर्ट में दर्ज किए हैं। यहीं विजय शाह ने कर्नल कुरैशी को आतंकियों की बहन बताया था।

हाईकोर्ट के आदेश पर FIR हुई: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को शाह के बयान पर नोटिस लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ इंदौर के मानपुर थाने में FIR दर्ज की गई थी। इसके खिलाफ शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, SIT की रिपोर्ट की कॉपी इस केस के सुप्रीम कोर्ट में इंटर विनर व कांग्रेस नेता जय ठाकुर के वकीलों को उपलब्ध नहीं कराई गई है। वकील इस पर आपत्ति दर्ज कराएंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा- माफी मगरमच्छ के आंसू जैसी

  • इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई 19 मई को की थी। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था, "हम देखना चाहेंगे कि आपने किस तरह की माफी मांगी है। कभी-कभी माफी बचने के लिए मांगी जाती है तो कभी-कभी ये मगरमच्छ के आंसू जैसी होती है। इस तरह के भद्दे कमेंट किए, अब आप उसके लिए माफी मांग रहे हैं। आप पब्लिक फिगर हैं। बोलते समय जिम्मेदारी से काम लें। सेना के लिए हम कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं।"
  • इस पर विजय शाह के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि हमें वाकई खेद है। हम फिर से माफी मांगने के लिए तैयार हैं।
  • इस दलील पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यह तर्क खारिज किया जाता है। हम आपकी माफी स्वीकार नहीं कर रहे हैं। आप लोगों के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं। आपने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।


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