इन्फ्लूएंजा वायरस की अनदेखी न करें

इन्फ्लूएंजा एक तरह का वायरस है, जो श्वसन तंत्र का एक संक्रामक रोग होता है।  इन्फ्लूएंजा वायरस की शुरुआत खांसी, जुकाम और हल्के बुखार के साथ होती है। इन्फ्लूएंजा वायरस हमारे शरीर में नाक, आंख और मुंह से प्रवेश करता है। इसके अलावा इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति के खांसने और छींकने पर अन्य व्यक्ति संपर्क में आता है तो यह वायरस फैल सकता है। इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर बीमारी बन जाती है। इन्फ्लूएंजा वायरस से निमोनिया, कान में संक्रमण, साइनस संक्रमण आदि का खतरा बढ़ जाता है। 

लक्षणः

थकान 

इन्फ्लूएंजा वायरस की चपेट में आने पर थकान महसूस होती है और शरीर अस्वस्थ रहने लगता है। इसके अलावा बहुत कमजोरी होती है, जिसके कारण कुछ काम करने पर या चलने-फिरने पर चक्कर आने लगते हैं।

बुखार

इस वायरस के होने पर ठंड लगने के साथ ही बुखार आता है। बुखार कम या अधिक हो सकता है। इस वायरस के बढ़ते ही बुखार भी बढ़ता चला जाता है।

गले में कफ का जमाव

इन्फ्लूएंजा वायरस में गल में कफ जम जाता है, जिसके चलते कुछ भी निगलने में तकलीफ होती है। सांस लेने में परेशानी होती है। इसके साथ ही बहुत छींक आती हैं।

शरीर में दर्द

इन्फ्लूएंजा वायरस से पीड़ित व्यक्ति को सिरदर्द भी होता है। इसके अलावा मांसपेशियों में भी दर्द होता है। इस वायरस के फैलने पर त्वचा नीली पड़ जाती है।

बचावः

तरल पदार्थ लें

वायरस होने के चलते बुखार होता है। जिसके चलते पानी की कमी हो जाती है। इस कमी को पूरा करने के लिए तरल पदार्थ लेना चाहिए। इससे शरीर में पानी की पूर्ति होने के साथ हीं साइनस में फायदा करता है।

गर्म पानी का इस्तेमाल करें

इन्फ्लूएंजा वायरस से पीड़ित को गर्म पानी से नहाना चाहिए। ऐसा करने से गले में जमा कफ पिघलता है। इसके अलावा स्टीम लेना बहुत असरकारक होता है। स्टीम लेने से सांस लेने में होने वाली दिक्कत में फायदा होता है।

अजवाइन का पानी पिएं

अजवाइन के पानी को पिएं। इसके लिए अजवाइन को पानी में डालकर उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो इस पानी को पिएं। इसके अलावा सादे पानी का भी उबाल कर ही सेवन करें।

स्वच्छता पर ध्यान दें

इन्फ्लूएंजा वायरस हो जाने पर सबसे पहले तो स्वच्छता पर ध्यान दें। जैसे खाना खाने से पहले हाथों को जरूर धोएं। इसके अलावा शरीर को अधिक से अधिक आराम दें।

बासी खाने से दूर रहें

इन्फ्लूएंजा वायरस हो जाने पर बासी खाने का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने खाद्य पदार्थ का सेवन करें।

डॉक्टर को दिखाएं

कम बुखार को भी हल्के में ले। बुखार आने पर डॉक्टर को दिखाएं। छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देने पर भी डॉक्टर से संपर्क करें। 



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