बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोलापुर जिला परिषद के शिक्षकों के वेतन मुद्दे को गंभीरता से लिया

Feb 12, 2025

मुंबई, । बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोलापुर जिला परिषद के शिक्षकों के वेतन मुद्दे को गंभीरता से लिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का वेतन रोकने का निर्देश दिया है, क्योंकि अदालती आदेश के बावजूद शिक्षकों को वेतन नहीं दिया गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति अश्विन भोबे की पीठ ने दिया और यह फैसला अदालत के आदेश का क्रियान्वयन न होने के कारण लिया गया। अदालत ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि जब तक शिक्षकों का वेतन नहीं दिया जाता, जिला परिषद के अधिकारियों का वेतन रोक दिया जाएगा। अदालत के इस फैसले से प्रशासन पर तत्काल कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है।

दरअसल याचिकाकर्ता शिक्षकों ने आठ महीने से अधिक समय तक शिक्षक के रूप में काम करने के बावजूद वेतन न मिलने पर अदालत का दरवाजा खटखटाया था। 26 नवंबर 2024 को मुंबई हाई कोर्ट ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को 14 जनवरी 2025 तक उन शिक्षकों को वेतन देने का आदेश दिया था। हालांकि, 28 जनवरी को हुई सुनवाई में यह स्पष्ट हो गया कि वेतन का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। शिक्षकों द्वारा वेतन के लिए बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और आदेश का पालन न करने पर जिला परिषद के सीईओ का वेतन रोकने का कड़ा फैसला दिया है। हाई कोर्ट ने सोलापुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का एक महीने का वेतन रोकने का आदेश दिया तथा संबंधित शिक्षकों को तत्काल वेतन देने को कहा। आदेश प्राप्त होते ही स्पष्ट कर दिया गया कि जिला परिषद ने उन शिक्षकों का वेतन उनके खातों में जमा करा दिया है। चूंकि न्यायालय ने टीईटी परीक्षा में गड़बड़ी के कारण बर्खास्त किए गए शिक्षकों की सेवा अवधि का वेतन भुगतान करने का आदेश दिया था, इसलिए शिक्षा निदेशक से उनके वेतन का ऑफलाइन भुगतान करने की अनुमति मांगी गई। वेतन मुद्दे पर अदालत के सख्त रुख से शिक्षकों को राहत मिली है।

सोलापुर जिला परिषद की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उच्च न्यायालय के 29 जनवरी 2025 के आदेश के क्रियान्वयन में मुख्य कार्यकारी अधिकारी की स्वीकृति से संबंधित शिक्षकों को 31 जनवरी 2025 को वेतन का भुगतान ऑनलाइन किया गया। जिला परिषद ने स्पष्ट किया कि यह घटना स्कूल आईडी उपलब्ध न होने के कारण घटित हुई। इसके बाद शिक्षकों की स्कूल आईडी बनाई गई और उनका वेतन उनके खातों में जमा कर दिया गया। शिक्षकों को राहत मिली है कि अदालत के आदेश के बाद वेतन का मुद्दा सुलझ गया है। जिला परिषद ने कहा है कि उसने इस मामले पर उचित कार्रवाई की है और प्रशासनिक त्रुटि को सुधार लिया है।


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