पाकिस्तान के हाथ से खिसक रहा बलूचिस्तान, विद्रोही हुए मजबूत, 10 हजार महिलाएं सड़कों पर

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के लिए बलूचिस्तान बहुत बड़ा संकट बन गया है। यहां विद्रोहियों की लगातार ताकत बढ़ रही है और पाकिस्तान की टेंशन। इसी बीच बलूचिस्तान में मानवाधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच की गिरफ्तारी के विरोध में 10 हजार महिलाएं सड़कों पर उतरीं हैं।

बलूच विद्रोहियों के अलावा बलूचिस्तान प्रांत में मानवाधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच पाक सेना व सरकार को चुनौती दे रही हैं। इसके चलते बीते हफ्ते पाक सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। पाकिस्तानी एजेंसियों ने महरंग को कैद कर यह सोचा था कि चुनौती खत्म हो जाएगी, लेकिन अब उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ 10 हजार से ज्यादा महिलाएं सड़कें पर हैं। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने आंदोलन को समर्थन दिया है। इसके साथ ही अब बीएलए को आम जनता का समर्थन भी मिल रहा है। इससे स्थिति और गंभीर हो गई है। आंदोलन ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस आंदोलन ने युवा-महिलाओं के संगठित कर दिया है। इसके अलावा पाक सेना और सरकार की कठोर प्रतिक्रिया से बलूचिस्तान में हालात संभलने के बजाए बिगड़ते दिख रहे हैं।

जमीनी हकीकत ये है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की पकड़ अब राजधानी क्वेटा के इर्दगिर्द ही सिमट कर रह गई है। बलूचिस्तान की सड़कों पर अब फबलूच लड़ाकों का सिक्का चल रहा है। हालात ये है कि अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस को अब इस इलाके में कदम रखने के लिए बलूच लड़ाकों से मंजूरी लेनी पड़ती है। सीपैक में काम कर रहे चीनी श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। उन्हें कहा गया है कि वे ग्वादर से बाहर न निकलें। यह दूसरी बार है जब पाकिस्तान को अपने किसी प्रांत में इतनी बड़ी बगावत झेलनी पड़ रही है।  ग्वादर में सशस्त्र विद्रोहियों ने बुधवार को बस यात्रियों को उतारकर गोली मार दी, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई। यह हमला ओरमारा हाईवे पर हुआ। बस कराची जा रही थी। रिपोर्ट के अनुसार, सभी मृतकों का संबंध पंजाब प्रांत से था। उधर, क्वेटा में विद्रोहियों ने आईईडी से पुलिस वैन को निशाना बनाया। इससे दो पुलिसवालों समेत 3 की मौत हो गई जबकि 21 घायल हो गए।


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