मुंबई । बालीवुड एक्ट्रेस दिशा पटानी की इस चकाचौंध के पीछे दिशा की एक बेहद सादा, भावुक और ज़मीन से जुड़ी हुई पहचान भी है, जो उन्हें औरों से अलग बनाती है। दिशा पटानी खुद को एक एनीमे गीक मानती हैं। उन्हें इंस्टेंट रेमन के साथ एनीमे सीरीज देखना बेहद पसंद है। ये सिर्फ एक हॉबी नहीं, बल्कि उनकी असल दुनिया का हिस्सा है। उनका मानना है कि एनीमे उन्हें सुकून देता है और व्यस्त शूटिंग शेड्यूल के बाद मानसिक तौर पर शांति भी। ग्लैमर इंडस्ट्री में रहते हुए भी उन्होंने अपनी इस पसंद को कभी छिपाया नहीं, बल्कि खुले तौर पर उसे अपनाया है। उनका आदर्श वीकेंड पजामे में, किसी फेवरिट एनीमे के मैराथन के साथ गुजरता है। इसके अलावा दिशा एक गहरी पशुप्रेमी भी हैं।
उनके पालतू जानवर उनके लिए केवल इंस्टाग्राम पोस्ट का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वह उन्हें परिवार का सदस्य मानती हैं। वो खुद उनकी देखभाल करती हैं, उनके साथ खेलती हैं और उन्हें समय देती हैं। यह रिश्ता एक सुपरस्टार के जीवन में एक खास आत्मीयता का एहसास कराता है, जो आमतौर पर इस इंडस्ट्री में कम देखने को मिलता है। अपने करियर के ऊंचे मुकाम पर होने के बावजूद दिशा पटानी एक शांत और प्राइवेट जिंदगी पसंद करती हैं। उन्हें पार्टियों का कोई खास शौक नहीं है और मीडिया की सुर्खियों में बने रहना उनका मकसद नहीं। उनके लिए असली खुशी घर पर स्केचिंग करने, वर्कआउट करने और अपने पेट्स के साथ समय बिताने में है।
कैमरे के सामने वो जितनी कॉन्फिडेंट और ग्लैमरस नजर आती हैं, कैमरे के पीछे उतनी ही सादगी से जीती हैं। दिशा पटानी इस बात का उदाहरण हैं कि ग्लैमर और सच्चाई एक साथ जी जा सकती है। वो न सिर्फ एक स्टार हैं, बल्कि एक ऐसी इंसान हैं जो अपनी असलियत से कभी दूर नहीं हुई। बता दें कि जब दिशा पटानी का नाम लिया जाता है, तो अक्सर आंखों के सामने एक ग्लैमरस छवि उभरती है रेड कार्पेट पर उनके स्टाइलिश लुक्स, फिटनेस के लिए उनकी जबरदस्त डेडिकेशन, और एक्शन से भरपूर किरदार। सोशल मीडिया पर उनकी मौजूदगी भी बेहद प्रभावशाली है, जहां लाखों फैंस उनके हर पोस्ट पर दीवाने हो जाते हैं।
मुंबई । बालीवुड की प्लेबैक सिंगर जोनिता गांधी ने अपना नया गाना बेपरवाई रिलीज किया है। गाने के बारे में जोनिता गांधी ने विस्तार से बताया कि यह गाना उस एहसास को दिखाता है जब इंसान बेफिक्र हो जाता है, उसे इसकी परवाह बिल्कुल भी नहीं होती कि दुनिया उसके बारे में क्या सोचती है।
जोनिता गांधी ने बताया कि उनका गाना बेपरवाई कैसे बना। उन्होंने कहा, इस गाने का विचार टोरंटो में एक म्यूजिक सेशन के दौरान आया था। उस दिन मेरा मूड कुछ ऐसा था, मैं दुनिया को लेकर थोड़ी निराशा और चिढ़ सी महसूस कर रही थी। मुझे लग रहा था कि हम कई बार दूसरों की राय में उलझ जाते हैं, और खुद को भूल जाते हैं। फिर मेरे मन में ख्याल आया कि अब और नहीं, अब बेफिक्र होकर जीना है, बिना इस डर के कि लोग क्या कहेंगे। इसी सोच से गाने का कोरस बना, जो कहता है, अब मैं बस बेपरवाह हूं, मैं यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि यह गाना मेरी पहचान से जुड़ा हो, ताकि सुनने वालों को लगे कि हां, ये एक जोनिता गांधी का गाना है। जोनिता गांधी ने आगे कहा, इस गाने को मैंने अपने अंदाज में गाया और पेश किया है। इसमें मैंने अपनी पहचान और गाने की खास स्टाइल को बनाए रखा, ताकि यह गाना भी बाकी उनके गानों की तरह ही लगे। गाने में भी मैंने सॉफ्ट टोन का इस्तेमाल किया, जैसे मैं हर गाने में करती हूं। इस गाने को बनाने में मेरे साथ म्यूजिक प्रोड्यूसर एरिजा ने काम किया। मैंने पहले भी उनके साथ कई बार काम किया है। उन्होंने गाने के म्यूजिक को इस तरह तैयार किया, जो हर एक शब्द के फील को बढ़ाता है।
जोनिता ने बताया कि उनका गाना पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से बनाया गया है। इसमें कोई लाइव इंस्ट्रूमेंट, जैसे गिटार, तबला, ड्रम वगैरह इस्तेमाल नहीं किए गए हैं। इसमें म्यूजिक और बीट्स कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर से तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा, जहां तक मुझे पता है, इस गाने में कोई भी लाइव इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल नहीं हुआ है। यह पूरा गाना इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक से तैयार किया गया है। गाना काफी जोशीला और मस्तीभरा है। जोनिता ने आखिर में कहा, इस गाने के जरिए मेरा सबको एक मैसेज है, कि आप जैसे हो, वैसे बिल्कुल ठीक हो। खुद को बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए सिर्फ इसलिए कि दुनिया क्या सोचती है।
मुंबई । बालीवुड फिल्म दृश्यम का तीसरा पार्ट अनाउंस किया जा चुका है, लेकिन चर्चा है कि यह पार्ट ऑरिजनल फिल्म की रिलीज के कुछ वक्त बाद आएगा। अजय देवगन की फिल्म दृश्यम के तीसरे पार्ट का फैंस को बड़ी बेसब्री से इंतजार है। दरअसल इस बार हिंदी और मलयालम वर्जन की कहानी अलग-अलग होंगी। यानि दोनों ही फिल्में एक दूसरे के लिए स्पॉयलर नहीं छोड़ेंगी। फिल्म का पहला और दूसरा पार्ट काफी बड़ा हिट रहा, दोनों की कहानी ऑरिजनल वर्जन और रीमेक में एक ही रही थी। अब पिछले दिनों ही मोहनलाल और अजय देवगन ने फिल्म के तीसरे पार्ट का अनाउंसमेंट किया तो फैंस का एक्साइटमेंट चरम पर था। लेकिन अब इस जानकारी के बाद फैंस को शायद यह फिक्र जरूर हो कि किस फिल्म का एक्साइटमेंट बेहतर होगा। अजय देवगन ने अनाउंस किया है कि दृश्यम-3 अक्तूबर 2026 में रिलीज होगी। फिल्म की स्टार कास्ट पहले की तरह ही रहने की संभावना है। निर्देशन की जिम्मेदारी अभिषेक पाठक संभालेंगे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक साउथ के सुपरस्टार एक्टर मोहनलाल और जीतू जोसेफ इसी साल सितंबर में फिल्म के मलयालम वर्जन की शूटिंग शुरू कर देंगे, अगर ऐसा होता है तो यह फिल्म हिंदी वर्जन से पहले रिलीज कर दी जाएगी। पहले चर्चा थी कि दोनों फिल्मों की शूटिंग एक साथ शुरू होगी और दोनों की रिलीज डेट भी एक साथ होगी ताकि किसी तरह का लॉस दोनों ही फिल्मों को नहीं देखना पड़े।
- मारुति 2013 में ‘ऑटोमोबाइल-फ्रेट-ट्रेन-ऑपरेटर लाइसेंस’ हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी थी
नई दिल्ली । मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कंपनी को 2030-31 तक रेलवे के माध्यम से वाहनों की आपूर्ति 35 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। मारुति सुजुकी 2013 में ‘ऑटोमोबाइल-फ्रेट-ट्रेन-ऑपरेटर लाइसेंस’ हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी थी। तब से हमने रेलवे के जरिये 25 लाख से अधिक यात्री वाहनों को भेजा है। एमएसआईएल के अधिकारी ने कहा कि हमने रेलवे के जरिये वाहनों की आवाजाही को व्यवस्थित रूप से बढ़ाया है, जो वित्त वर्ष 2014-15 में करीब पांच प्रतिशत था, और पिछले वर्ष 2024-25 में 24 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी मानेसर में नई सुविधा के साथ इसे और बढ़ाएगी। एक बार जब यह पूरी तरह से चालू हो जाएगा, तो हम सालाना 4.5 लाख वाहन भेज केंगे। इससे वित्त वर्ष 2030-31 तक रेलवे के जरिये वाहनों की आपूर्ति 35 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत पंजीकृत मानेसर ‘रेलवे साइडिंग’ को हरियाणा में सोनीपत से पलवल तक चलने वाले 126 किलोमीटर लंबे हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।इस परियोजना को एक संयुक्त उद्यम फर्म हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचओआरसीएल) द्वारा क्रियान्वित किया गया है।संयुक्त उद्यम के तहत, एमएसआईएल ने एचओआरसी के विकास में 325 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अतिरिक्त एमएसआईएल ने आंतरिक यार्ड विकास पर लगभग 127 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे इसका कुल निवेश 452 करोड़ रुपये हो गया है।
- मारुति 2013 में ‘ऑटोमोबाइल-फ्रेट-ट्रेन-ऑपरेटर लाइसेंस’ हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी थी
नई दिल्ली । मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कंपनी को 2030-31 तक रेलवे के माध्यम से वाहनों की आपूर्ति 35 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। मारुति सुजुकी 2013 में ‘ऑटोमोबाइल-फ्रेट-ट्रेन-ऑपरेटर लाइसेंस’ हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी थी। तब से हमने रेलवे के जरिये 25 लाख से अधिक यात्री वाहनों को भेजा है। एमएसआईएल के अधिकारी ने कहा कि हमने रेलवे के जरिये वाहनों की आवाजाही को व्यवस्थित रूप से बढ़ाया है, जो वित्त वर्ष 2014-15 में करीब पांच प्रतिशत था, और पिछले वर्ष 2024-25 में 24 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी मानेसर में नई सुविधा के साथ इसे और बढ़ाएगी। एक बार जब यह पूरी तरह से चालू हो जाएगा, तो हम सालाना 4.5 लाख वाहन भेज केंगे। इससे वित्त वर्ष 2030-31 तक रेलवे के जरिये वाहनों की आपूर्ति 35 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत पंजीकृत मानेसर ‘रेलवे साइडिंग’ को हरियाणा में सोनीपत से पलवल तक चलने वाले 126 किलोमीटर लंबे हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।इस परियोजना को एक संयुक्त उद्यम फर्म हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचओआरसीएल) द्वारा क्रियान्वित किया गया है।संयुक्त उद्यम के तहत, एमएसआईएल ने एचओआरसी के विकास में 325 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अतिरिक्त एमएसआईएल ने आंतरिक यार्ड विकास पर लगभग 127 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे इसका कुल निवेश 452 करोड़ रुपये हो गया है।
- मारुति 2013 में ‘ऑटोमोबाइल-फ्रेट-ट्रेन-ऑपरेटर लाइसेंस’ हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी थी
नई दिल्ली । मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कंपनी को 2030-31 तक रेलवे के माध्यम से वाहनों की आपूर्ति 35 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। मारुति सुजुकी 2013 में ‘ऑटोमोबाइल-फ्रेट-ट्रेन-ऑपरेटर लाइसेंस’ हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी थी। तब से हमने रेलवे के जरिये 25 लाख से अधिक यात्री वाहनों को भेजा है। एमएसआईएल के अधिकारी ने कहा कि हमने रेलवे के जरिये वाहनों की आवाजाही को व्यवस्थित रूप से बढ़ाया है, जो वित्त वर्ष 2014-15 में करीब पांच प्रतिशत था, और पिछले वर्ष 2024-25 में 24 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी मानेसर में नई सुविधा के साथ इसे और बढ़ाएगी। एक बार जब यह पूरी तरह से चालू हो जाएगा, तो हम सालाना 4.5 लाख वाहन भेज केंगे। इससे वित्त वर्ष 2030-31 तक रेलवे के जरिये वाहनों की आपूर्ति 35 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत पंजीकृत मानेसर ‘रेलवे साइडिंग’ को हरियाणा में सोनीपत से पलवल तक चलने वाले 126 किलोमीटर लंबे हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।इस परियोजना को एक संयुक्त उद्यम फर्म हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचओआरसीएल) द्वारा क्रियान्वित किया गया है।संयुक्त उद्यम के तहत, एमएसआईएल ने एचओआरसी के विकास में 325 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अतिरिक्त एमएसआईएल ने आंतरिक यार्ड विकास पर लगभग 127 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे इसका कुल निवेश 452 करोड़ रुपये हो गया है।
- मारुति 2013 में ‘ऑटोमोबाइल-फ्रेट-ट्रेन-ऑपरेटर लाइसेंस’ हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी थी
नई दिल्ली । मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कंपनी को 2030-31 तक रेलवे के माध्यम से वाहनों की आपूर्ति 35 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। मारुति सुजुकी 2013 में ‘ऑटोमोबाइल-फ्रेट-ट्रेन-ऑपरेटर लाइसेंस’ हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी थी। तब से हमने रेलवे के जरिये 25 लाख से अधिक यात्री वाहनों को भेजा है। एमएसआईएल के अधिकारी ने कहा कि हमने रेलवे के जरिये वाहनों की आवाजाही को व्यवस्थित रूप से बढ़ाया है, जो वित्त वर्ष 2014-15 में करीब पांच प्रतिशत था, और पिछले वर्ष 2024-25 में 24 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी मानेसर में नई सुविधा के साथ इसे और बढ़ाएगी। एक बार जब यह पूरी तरह से चालू हो जाएगा, तो हम सालाना 4.5 लाख वाहन भेज केंगे। इससे वित्त वर्ष 2030-31 तक रेलवे के जरिये वाहनों की आपूर्ति 35 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत पंजीकृत मानेसर ‘रेलवे साइडिंग’ को हरियाणा में सोनीपत से पलवल तक चलने वाले 126 किलोमीटर लंबे हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।इस परियोजना को एक संयुक्त उद्यम फर्म हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचओआरसीएल) द्वारा क्रियान्वित किया गया है।संयुक्त उद्यम के तहत, एमएसआईएल ने एचओआरसी के विकास में 325 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अतिरिक्त एमएसआईएल ने आंतरिक यार्ड विकास पर लगभग 127 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे इसका कुल निवेश 452 करोड़ रुपये हो गया है।
- मारुति 2013 में ‘ऑटोमोबाइल-फ्रेट-ट्रेन-ऑपरेटर लाइसेंस’ हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी थी
नई दिल्ली । मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कंपनी को 2030-31 तक रेलवे के माध्यम से वाहनों की आपूर्ति 35 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। मारुति सुजुकी 2013 में ‘ऑटोमोबाइल-फ्रेट-ट्रेन-ऑपरेटर लाइसेंस’ हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी थी। तब से हमने रेलवे के जरिये 25 लाख से अधिक यात्री वाहनों को भेजा है। एमएसआईएल के अधिकारी ने कहा कि हमने रेलवे के जरिये वाहनों की आवाजाही को व्यवस्थित रूप से बढ़ाया है, जो वित्त वर्ष 2014-15 में करीब पांच प्रतिशत था, और पिछले वर्ष 2024-25 में 24 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी मानेसर में नई सुविधा के साथ इसे और बढ़ाएगी। एक बार जब यह पूरी तरह से चालू हो जाएगा, तो हम सालाना 4.5 लाख वाहन भेज केंगे। इससे वित्त वर्ष 2030-31 तक रेलवे के जरिये वाहनों की आपूर्ति 35 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत पंजीकृत मानेसर ‘रेलवे साइडिंग’ को हरियाणा में सोनीपत से पलवल तक चलने वाले 126 किलोमीटर लंबे हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।इस परियोजना को एक संयुक्त उद्यम फर्म हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचओआरसीएल) द्वारा क्रियान्वित किया गया है।संयुक्त उद्यम के तहत, एमएसआईएल ने एचओआरसी के विकास में 325 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अतिरिक्त एमएसआईएल ने आंतरिक यार्ड विकास पर लगभग 127 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे इसका कुल निवेश 452 करोड़ रुपये हो गया है।